Tuesday, April 19, 2016

**त्‍वचा के लिए नुकसानदेह हो सकता है नहाने वाला साबुन**

बचपन से ही हम साबुन का प्रयोग करते आ रहे हैं, जिस साबुन से हम नहाते हैं उससे चेहरा भी धोते हैं, लेकिन क्‍या आप जानते हैं शरीर से दुर्गंध और कीटाणुओं का खात्‍मा करने वाला यह साबुत त्‍वचा के लिए कितना नुकसानदेह होता है।
नहाने के साबुन के नुकसान
त्वचा यदि सुंदर और कोमल हो तो लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर ही लेती है। लेकिन इसे कोमल बनाए रखने के लिये इसके खास देखभाल की जरूरत होती है। ऐसे में बचपन से ही हमारा जुड़ाव बाथरूम से होता ही है और नियमित साबुन से नहाने की सलाह भी दी जाती है। लेकिन क्‍या आप जानते हैं साबुन त्‍वचा के लिये ठीक नहीं होता। यह शरीर से दुर्गंध तो शायद मिटा देता है लेकिन इससे कई त्वचा संबंधी समस्‍याएं पैदा हो सकती हैं। चलिये जानें नहाने के साबुन को ना कहने की क्या वजहें हैं
एंटी बैक्टीरियल साबुन पर रोक
अमेरिका एंटी बैक्टीरियल साबुन पर जल्द रोक लगाने के विषय पर विचाराधीन है। हाल में आई रिपोर्ट्स में पाया गया है कि इन साबुनों में ऐसे रसायन हैं जो हार्मोन में बदलाव करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। एफडीए के अनुसार इस प्रकार के साबुनों में आमतौर पर ट्रिकलोसन और ट्रिकलोकार्बन जैसे रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है, जिनसे सेहत को काफी नुकसान हो सकता है।
सरफेक्टेन्ट
सरफेक्टेन्ट एक प्रकार का रसायन होता है, जोकि पानी और साबुन का मिश्रण होता है। यह गंदगी को दूर करने का काम करता है। लेकिन इससे त्वचा पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है और त्वचा खराब हो सकती है।
साबुन खरीदते समय लापरवाही
रोजमर्रा में प्रयोग किये जाने वाले साबुनों को खरीदते वक्त लोग अकसर सोचते नहीं हैं। इस प्रकार के ज्यादातर साबुनों में खुशबू, डिटर्जेट और कुछ अन्य प्रकार के रसायन होते हैं, जो हमारी त्वचा को तो साफ कर देते हैं, लेकिन नमी को छीन लेते हैं।
अच्‍छे बैक्‍टीरिया मर जाते हैं
ये साबुन जीवाणुओं को तो मार देते हैं लेकिन जब आप इन साबुनों का प्रयोग करते हैं तो शरीर में जमा अच्‍छे बैक्‍टीरिया का भी नाश हो जाता है। ये अच्‍छे बैक्‍टीरिया दरअसल त्‍वचा पर मौजूद घातक बैक्‍टीरिया का नाश करते हैं।
त्‍वचा से विटामिन डी छीन लेते हैं
त्‍वचा विटामिन डी को भीतर सोखे इससे पहले ये साबुन उसे त्‍वचा से ही हटा देते हैं। कई एक्‍सपर्ट्स का मानना है कि हमारी त्‍वचा को विटामिन डी को भीतर समाने में लगभग 48 घंटे लगते हैं, लेकिन ये सबुन इससे पहले ही उसे हटा देते हैं।
फेरोमोन्स नामक कैमिकल का सफाया
फेरोमोन्‍स एक प्रकार का कैमिकल होता है जो अपोजिट सेक्‍स का ध्‍यान खींचने में सहायक होता है। यह कैमिकल हमारे पसीने में मौजूद होता हैं, जो नहाने के साबुन की वजह से धुल जाता है
कीटाणुनाशक
ऐसे नहाने के साबुनों में ट्रिक्लोशन (फिनायल के रूप में प्रयोग किये जाने वाला एक प्रकार का रसायन) अधिक मात्रा में प्रयोग किया जाता है, जो आपकी त्वचा के लिए बेहद हानिकारक होता है। इस प्रकार के साबुन को रोज प्रयोग में लाने से त्वचा को भारी नुकसान होता है।

Friday, April 8, 2016

**सर्दियों में डिप्रेशन, ब्लडप्रेशर से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान**

(1)-----सर्दियों का मजा अच्छे से लेने के लिए इस समय विशेष सावधानी रखना बेहद जरूरी होता है। यह माना हुआ तथ्य है कि सर्दियां अपने साथ कई बीमारियां भी लाती हैं। थोड़ी सी सावधानी बरतने पर सर्दियों के ये दिन आपके लिए अच्छे दिन साबित होंगे।
(2)-----सर्दियों में दिन छोटे हो जाते हैं, जिससे हार्मोन में असंतुलन पैदा होता है और शरीर में विटामिन डी की कमी आती है। इससे दिल और दिमाग पर प्रभाव पड़ता है। इस मौसम में खासकर उम्रदराज लोगों को अवसाद घेर लेता है, जिससे उनमें तनाव और हाइपरटेंशन काफी बढ़ जाता है।
(3)-----सर्दियों के अवसाद से पीड़ित लोग अक्सर ज्यादा चीनी, ट्रांस फैट और सोडियम व ज्यादा कैलोरी वाला भोजन खाने लगते हैं। मधुमेह और हाइपरटेंशन से पीड़ित लोगों के लिए बहुत ही खतरनाक हो सकता है। इस मौसम में आम तौर पर निमोनिया भी हो जाता है।
(4)----इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के महासचिव डॉ. केके अग्रवाल बताते हैं कि सर्दियों में होने वाली निमोनिया, अवसाद, हाइपोथर्मिया व ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव सहित अन्य बीमारियां रोकी जा सकती हैं। इसके लिए जीवनशैली की कुछ आदतों में थोड़ा सा बदलाव करके इनका आसानी से इलाज किया जा सकता है।
(5)-----उन्होंने कहा कि जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित लोगों को सलाह दी जाती है कि वे सर्दियों में शराब का सेवन न करें, क्योंकि यह मुश्किलें पैदा कर सकती है। सेहतमंद आहार लें और उटपटांग खाने से बचें। थोड़े-थोड़े अंतराल पर आहार लेना ज्यादा बेहतर रहता है।
🏻------इन (11) बातों का रखें ध्यान :-------👇🏾👇🏾👇🏾👇🏾👇🏾
(1)-----सर्दियों के अवसाद से बचने के लिए लंबे समय तक धूप मे बैठें या चारदीवारी के अंदर बत्ती जला कर रहें।
(2)----गर्मियों की तुलना में सर्दियों में तड़के ब्लड प्रेशर ज्यादा होता है। इसलिए ब्लड प्रेशर के मरीजों को चाहिए कि वह अपने डॉक्टर से सर्दियों में ब्लड प्रेशर की दवा बढ़ाने को कहें।
(3)---- सर्दियों में दिल के दौरे भी अधिक पड़ते हैं, इसलिए सुबह-सुबह सीने में होने वाले दर्द को नजरअंदाज न करें।
(4)----- सर्दियों में ज्यादा मीठा, कड़वा और नमकीन खाने से परहेज करें।
(5)----- सभी को अपने डॉक्टर से निमोनिया और फ्लू की वैक्सीन के बारे में पूछना चाहिए।
(6)----- बहुत छोटी उम्र और उम्रदराज लोगों के निमोनिया सर्दियों में जानलेवा हो सकता है, ज्यादा खतरे वाले लोगों खास कर दमा, डायबिटीज और दिल के रोगों से पीडि़त लोगों को फ्लू का वैक्सी जरूर दिलाएं।
(7)------ सर्दियों में बंद कमरों में हीटर चला कर सोने से बचें।
(8)---- गीजर सहित सभी बिजली यंत्रों की अर्थिंग की जांच करवाएं।
(9)----- मीठे पकवान बनाते समय चीनी का प्रयोग करने से बचें।
(10)---- एक तापमान से दूसरे तापमान में जाने से पहले अपने शरीर को संतुलित तापमान पर ढलने का समय दें।
(11)----- विटामिन डी अच्छी सेहत के लिए बेहद जरूरी है। हर व्यक्ति को हर रोज सुबह 10 बजे से पहले और शाम 4 बजे के बाद कम से कम 40 मिनट धूप में जरूर बिताएं।
जैन आयुर्वेद संजीवनी