Tuesday, August 23, 2016

आयुर्वेद इन हिन्दी

आयुर्वेद का अर्थ है वह ज्ञान जिससे आयुष अथवा जीवन को विस्तार मिलता है. आयुर्वेद वह शास्त्र है जो भारत के समृद्ध औषधीय और चिकित्सीय संपदा का गोचर है. दुर्भाग्यवश हम अपनी ही धरोहर में मिले इस विज्ञान को भूलते जा रहे हैं जिसके प्रयोग से जीवन ना सिर्फ़ रोग मुक्त किया जाता है अपितु अप्रतिम रूप से स्वास्थ्य की ओर संचालित भी  किया जा सकता है.

Monday, June 27, 2016

संतान होगी या नहीं करे पहचान

पुराने जमाने में जब इतना मशीनी अविष्कार नहीं था तब बुजुर्ग लोग या जानकार लोग संतान होगी या नहीं इसकी जानकारी निम्न प्रकार लिया करते थे -
पुरुष और स्त्री के दाहिने हाथ मे साफ़ मिट्टी रख कर उसके अन्दर थोडा दही और पिसी शुद्ध हल्दी रक्खे -यह काम रात को सोने से पहले करना चाहिये-
सुबह अगर दोनो के हाथ में हल्दी का रंग लाल हो गया है तो संतान आने का समय है-
स्त्री के हाथ में लाल है और पुरुष के हाथ में पीली है तो स्त्री के अन्दर कामवासना अधिक है-
पुरुष के हाथ में लाल हो गयी है और स्त्री के हाथ में नही तो स्त्री रति सम्बन्धी कारणों से ठंडी है और संतान पैदा करने में असमर्थ है कुछ समय के लिये रति क्रिया को बंद कर देना चाहिये-

Sunday, June 12, 2016

खून‬ की कमी दूर करने के घरेलू

खून की कमी एक आम समस्या है जो पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में अधिक देखी जाती है। जब खून में लाल रक्त कणिकाओं की कमी हो जाती है तो शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो जाता है। हीमोग्लोबिन एक तरह का प्रोटीन होता है। यह शरीर में ऑक्सीजन के संचरण का काम करता है। इसकी कमी से एनीमिया नाम का रोग हो जाता है। एनीमिया मुख्य रूप से तीन तरह का होता है।
– खून की कमी से होने वाला एनीमिया।
– हेमोलाइसिस एनीमिया।
– लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण में कमी के कारण होने वाला एनीमिया। 
एनीमिया के कारण-
– लौह तत्व की कमी।
– विटामिन बी 12 की कमी।
– फोलिक एसिड की कमी।
– मां के दूध पिलाने के कारण।
– बहुत ज्यादा खून की कमी होने पर।
– पेट में इन्फेक्शन के कारण।
– स्मोकिंग।
– एजिंग
– कुछ दवाइयों के अधिक इस्तेमाल से।
एनीमिया के लक्षण-
1. ज्यादा सुस्ती आना।
2. थकान।
3. अस्वस्थता।
4. सांस लेने में दिक्कत।
5. घबराहट।
6. सर्दी के प्रति ज्यादा संवेदनशील होना।
7. पैरों और हाथों में सूजन।
8. क्रॉनिक हार्ट बर्न।
9. ज्यादा पसीना आना।
10. स्टूल में खून आना।
नुस्खे: शहद- शहद कई बीमारियों में दवा का काम करता है। एनीमिया के रोगियों के लिए भी यह बहुत लाभदायक होता है। 100 ग्राम शहद में 0.42 मि.ग्रा. आयरन होता है। इसीलिए इसके सेवन से खून की कमी दूर हो जाती है।
कैसे लें शहद- एक नींबू के रस को एक गिलास पानी में मिलाएं। इसके बाद एक चम्मच शहद मिलाएं। रोज इस तरह एक गिलास नींबू पानी का सेवन करने से बहुत जल्दी खून बढ़ता है।
पालक- पालक की सब्जी एनीमिया में दवा की तरह काम करती है। इसमें कैल्शियम, विटामिन ए, बी9, विटामिन ई और विटामिन सी, फाइबर और बीटा केरोटीन पाया जाता है। आधा कप उबले पालक में 3.2 मि.ग्रा. आयरन पाया जाता है। यह एक ही बार में किसी महिला के शरीर में 20 प्रतिशत आयरन की पूर्ति करने में सक्षम है।
कैसे खाएं पालक – हरी सब्जियों में पालक डालें। साथ ही, सलाद के रूप में भी इसका सेवन किया जा सकता है। पालक को उबालकर उसका सूप भी बनाया जा सकता है। इसका सूप पीने से बहुत जल्दी खून बढ़ता है।
चुकंदर- चुकंदर को एनीमिया में एक रामबाण दवा माना जाता है। यह लौह तत्व से भरपूर होता है। चुकंदर ब्लड सेल्स को एक्टिव कर देता है। इसीलिए एनीमिया से परेशान लोगों को अपनी डेली डाइट में थोड़ा चुकंदर जरूर शामिल करना चाहिए।
कैसे खाएं चुकंदर- चुकंदर को शिमला मिर्च, गाजर, टमाटर में मिलाकर सब्जी बनाई जा सकती है।
– इसके अलावा चुकंदर को सलाद के रूप में या जूस बनाकर लिया जा सकता है।
पीनट बटर- पीनट बटर प्रोटीन का एक अच्छा सोर्स है। इसीलिए पीनट बटर को अपनी डेली डाइट में शामिल करने की कोशिश करें। रोज पचास ग्राम मूंगफली खाने से भी एनीमिया दूर होता है। दो चम्मच पीनट बटर में 0.6 मि.ग्रा. आयरन पाया जाता है।
कैसे खाएं पनीर बटर- रोज सुबह ब्रेड पर पीनट बटर लगाकर खाएं। इसके बाद संतरे का जूस पीने से शरीर आयरन को बहुत जल्दी अब्जॉर्ब कर लेता है।
– किसी चीज में मिलाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है।
टमाटर- टमाटर में भरपूर मात्रा में विटामिन सी और लाइकोपिन पाया जाता है। इसमें मौजूद विटामिन सी आयरन को अब्जॉर्ब करने में मदद करता है। साथ ही, इसमें बीटा केरोटीन और विटामिन ई पाया जाता है। इसीलिए ये शरीर के लिए नेचुरल कंडिशनर का भी काम करता है।
कैसे खाएं टमाटर- टमाटर को सलाद के रूप में खाया जा सकता है।
– इसके अलावा, जूस या सूप बनाकर पीना भी सेहत के लिए अच्छा होता है।
सोयाबीन- सोयाबीन आयरन और विटामिन से भरपूर होता है। इसे खाने से शरीर को लो फैट के साथ ही भरपूर मात्रा में आयरन मिलता है। इसीलिए यह एनीमिया के पेशेन्ट्स के लिए बहुत लाभदायक होता है।
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कैसे खाएं सोयाबीन- सोयाबीन का उपयोग करने से पहले उन्हें रात में गुनगुने पानी में भिगो दें। फिर धूप में सुखा लें।
– इसे चपाती के आटे के साथ पिसवा कर उपयोग में लाना चाहिए।
– इसके अलावा सोयाबीन को उबालकर भी सेवन किया जा सकता है।
गुड़- एक चम्मच गुड़ में 3.2 मि.ग्रा. आयरन होता है। इसीलिए एनीमिया से ग्रस्त लोगों को रोज 100 ग्राम गुड़ जरूर खाना चाहिए।
कैसे खाएं गुड़- गुड़ के सेवन में यह बात जरूर ध्यान रखना चाहिए कि वह पुराना हो।
– खाने के बाद थोड़ा-सा गुड़ खाने से भी एनीमिया दूर होता है।
साबुत अनाज के ब्रेड- साबुत अनाज ब्रेड की एक स्लाइस से रोजाना शरीर के लिए जरूरी आयरन का 6 प्रतिशत तक मिल जाता है।
कैसे खाएं साबुत अनाज की ब्रेड- रोज नाश्ते में अगर आप साधारण ब्रेड खाते हैं तो उसे साबुत अनाज की ब्रेड से रिप्लेस कर दें।
– आयरन की कमी पूरी करने के लिए रोज कम से कम दो से तीन साबुत अनाज की ब्रेड खाएं।
मेवे- एनीमिया के पेशेन्ट्स को मेवे जरूर खाना चाहिए। मेवों से शरीर में आयरन का लेवल तेजी से बढ़ता है।
कौन से मेवे खाएं- पिस्ता सबसे बेहतरीन ड्राय फ्रूट है, जिससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन मिलता है।
अखरोट- रोज थोड़ा अखरोट खाना भी एनीमिया के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक होता है।
सेब और खजूर- सेब और खजूर, दोनों में ही पर्याप्त मात्रा में आयरन पाया जाता है।
– सेब के अंदर मौजूद विटामिन सी आयरन को अब्जॉर्ब करने में मदद करता है।
– 100 ग्राम सेब में .12 प्रतिशत आयरन पाया जाता है।
– रोज एक सेब और दस खजूर खाने से एनीमिया दूर हो जाता है।

बरगद‬ का यह इस्तेमाल

बरगद का पेड़ आपने देखा ही होगा। इसके फल भी देखे होंगे। क्या आप जानते हैं कि बरगद के ये फल आपके पौरुष शक्ति बढ़ाने में कितना मददगार है। इसके इस्तेमाल से शीघ्र पतन, स्वपनदोष, कमजोरी, प्रमेह, वीर्य का पतलापन और वीर्य के अन्य विकार दूर होते हैं। साथ ही यह काम शक्ति और स्पर्म बढ़ाने वाला होता है जिससे आप अपने विवाहित जीवन में भरपूर आनंद ले सकते हैं। यह इस्तेमाल बेहद सस्ता और चमत्कारिक परिणाम देने वाला है। यह इस्तेमाल स्पर्म की बीमारी और कमजोरी से ग्रस्त रोगियों के लिए अच्छे से अच्छे नुस्खों से कहीं अच्छा है।

**जीरा के सेवन**

आज के समय में कोई नहीं चाहता है कि वह ‪#‎मोटापा‬ से ग्रस्त हो या फिर उसकी तोंद निकली हुई हो। आज के दौड़ में हम इतना बिजी हो गए है कि खुद के लिए समय नहीं निकाल पाते है। जिसके कारण मोटापा जैसी समस्या होती है। जिसके कारण आज हर दूसरा व्यक्ति इस समस्या से ग्रसित है।
जीरा से भगायें #मोटापा 👇👇👇हमारे घरों में और हमारे किचन में Health or Weight loss के लिए रोजमर्रा के प्रयोग में आने वाले मसालों में कई रोगों के इलाज छुपे हैं , ऐसा ही एक जरूरी और हर रेसिपी में प्रयुक्त होने वाला मसाला है जीरा जिसके गुण हमें आश्चर्य में डाल देतें हैं। फिलहाल हम बात करें मोटापा कम करने की तो मोटापा कम करना एक समस्य़ा बनता जा रहा है। जिसके कारण आपको कई समस्याओं का सामना करना पडता है। इसके लिए आप घंटो जिम में पसीना बहाते है। या फिर डाइटिंग करना शुरु कर देते है। लेकिन अगर आप कम मेहनत करके मोटापा घटाना चाहते है तो जीरा का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। जानिए इसके बारें में।
कम होता है वजन
जीरा एक ऐसा मसाला है जो खाने में बेहतरीन स्वाद और खुशबू देता है। इसकी उपयोगिता केवल खाने तक ही सीमित नहीं बल्कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। कई रोगों में दवा के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
जीरे में मैंगनीज, लौह तत्व, मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक और फॅास्फोरस भरपूर मात्रा मे होता है। इसे मेक्सीको, इंडिया और नार्थ अमेरिका में बहुत उपयोग किया जाता है। इसकी सबसे ज्यादा खासियत यह है कि यह वजन तेजी से कम करता है। इस लेख में विस्तार से जानिये कैसे जीरे के सेवन से कम होता है वजन।
एक ताजा अध्ययन में पता चला है कि जीरा पाउडर, के सेवन से शरीर मे वसा का अवशोषण कम होता है जिससे स्वाभाविक रूप से वजन कम करनें में मदद मिलती है।
ऐसे करें सेवन
एक बड़ा चम्मच जीरा एक गिलास पानी मे भिगो कर रात भर के लिए रख दें। सुबह इसे उबाल लें और गर्म गर्म चाय की तरह पिये। बचा हुआ जीरा भी चबा लें। इसके रोजाना सेवन से शरीर के किसी भी कोने से अनावश्यक चर्बी शरीर से बाहर निकल जाती है। इस बात का विशेष ध्यान रखे की इस पाउडर को लेने के 1 घंटो तक कुछ ना खाएं।

अनाप-शनाप ‪‎दवा‬ खाने से, ‪महिलाएं‬ रहे सावधान!!

दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव के प्रति महिलाएं पुरुषों से अधिक संवेदनशील क्यों होती हैं, इसका जवाब वैज्ञानिकों को मिल गया है। इसका कारण कोशिकाओं की संवेदनशीलता होती है। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है। महिलाएं खासकर जो रजोनिवृत्त हो चुकी हैं, की यकृत की कोशिकाएं दवाओं के दुष्प्रभावों के प्रति पुरुषों से ज्यादा संवेदनशील होती हैं।
अध्ययन के मुताबिक, यह पहले से ही ज्ञात है कि यकृत को नुकसान पहुंचाने वाली दवाएं पुरुषों से अधिक महिलाओं को प्रभावित करती हैं, लेकिन पहली बार यह बात सामने आई है कि यह प्रभाव कोशिकीय स्तर पर होता है।
अध्ययन में कहा गया है, “हमारे निष्कर्ष में यह बात सामने आई है कि महिलाओं की कोशिकाएं कुछ दवाओं के दुष्प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं।”
अध्ययन के लिए यूरोपियन कमीशन ज्वाइंट रिसर्च सेंटर ने महिला व पुरुषों के शरीर से लिए गए यकृत कोशिकाओं पर पांच दवाओं (डाइक्लोफेनेक, क्लोरप्रोमाजीन, एसीटामिनोफेन, वेरापामिल तथा ओमेप्राजोल) का अध्ययन किया। इन दवाओं का यकृत पर दुष्प्रभाव पहले से ही ज्ञात है।
अध्ययन के दौरान महिलाओं (रजोनिवृत्त) के यकृत की कोशिकाएं ज्यादा संवेदनशील पाई गईं। यह अध्ययन पत्रिका ‘पीएलओएस ओएनई’ में प्रकाशित हुआ है।

Saturday, June 11, 2016

मिडलाइफ ‪#‎क्राइसिस‬ 👍 अनुभव करने की कुछ ख़ास बातें

अगर आप उम्र के तीसरे दशक को पूरा करने जा रहे हैं तो यह जानकारी खास आपके लिए ही है। बहुत संभव है कि आप मिडलाइफ क्राइसिस के दौर से गुजर रहे हों या गुजरने वाले हों। आम तौर पर पुरुषों में यह फेज 3 से 10 साल तक रहती है और औरतों में 5 से 10 साल तक। 30 से 40 साल के बीच कभी भी आप इस दौर से गुजर सकते हैं। मिडलाइफ क्राइसिस के तहत आप अचानक ही अपनी लाइफ से बोर होना शुरू हो जाते हैं। निराशा आपको घेरने लगती है। आप ‘क्या पाया-क्या खोया’ का हिसाब लगाने लगते हैं। कई बार पूरा जीवन मिथ्या लगने लगता है और कई बार आप जीवन को नए सिरे से फिर से जीने की ख्वाहिश पाल बैठते हैं।