Thursday, June 9, 2016

**हरा धनिया**

अधिकतर घरों में तो रोजाना हरे धनिया का इस्तेमाल होता है। धनिये
के सभी भाग खाद्य साम्रगी के लिए उपयुक्त
रहे हैं, लेकिन
ताज़ा धनिये के पत्ते और सूखे बीजों का सबसे अधिक
खाना पकाने में
इस्तेमाल किया जाता है। धनिया भारतीय रसोई में प्रयोग
किए जाने
वाली सुंगंधित हरी पत्तीयाँ हैं।
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आयुर्वेद के अनुसार इसके उपयोग से शरीर को बहुत
फायदे होते हैं -
हरा धनिया वातनाशक होने के साथ-साथ
पाचनशक्ति भी बढ़ाता है।
हरे धनिया के साथ ख़ास-तौर पर पुदीना मिलाकर
इसकी चटनी बनाई
जाती है। जो हमारे शरीर को आराम
देती है। इसको खाने से नींद
भी अच्छी आती है।
शुद्ध शाकाहार में हरे धनिए का उपयोग बहुतायत में किया जाता है।
ताज़ा हरा धनिया व हरी मिर्च
की चटनी बहुत प्रसिद्ध है।
इसका उपयोग मेहमान नवाजी में ख़ासतौर पर
किया जाता है।
गुजराती लोग ख़ासतौर पर हरे धनिए के साथ लहसुन
और गुड़ मिलाकर
इस चटनी का उपयोग करते हैं।
गर्मी के दिनों में ख़ास कर हरा धनिया और
कैरी का उपयोग कर
चटनी बनाई जाती है। जो दाल-
बाटी या सादे भोजन के साथ भी बनाई
जाती है।
घर पर पानीपूरी बनाने-खाने वाले लोग
भी हरा धनिया और
कैरी का उपयोग कर घर में ही मसाले
वाला पानी तैयार करते हैं,
जो बहुत स्वादिष्ट होने के साथ-साथ
पाचनशक्ति को ठीक करने
का काम करता है।
हरे धनिए का दही के रायते में भी भरपूर
उपयोग किया जाता है।
मुँह के छालों या गले के रोगों में हरे धनिया के रस से
कुल्ला करना चाहिए।
आँखों की सूजन व लाली में धनिया को कूटकर
पानी में उबाल कर, उस
पानी को कपड़े से छानकर आँखों में टपकाने से दर्द कम
होता है।
धनिया पत्ती का रस नकसीर फूटने पर नाक
में टपकाने से खून
आना बंद हो जाता है।

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